क्यूँ बांधा ??

क्यूँ बांधा बंधन में मुझको?
मेरी आज़ादी खल गयी तुझको?
क्यूँ बांधा बंधन में मुझको?

स्वछन्द विचरती थी मैं खग सी
सारी दुनिया थी नभ मग सी
था मिला बसेरा नन्दन में  मुझको
क्यूँ बांधा बंधन में मुझको?

क्या मैंने तेरा नियम तोड़ा?
तेरे जग को असमय छोड़ा?
मैंने ढूंढा चन्दन में तुझको
क्यों बांधा बंधन में मुझको?

दाता तू तो है महान
मन में छुपा तू लेता जान
फिर क्यों डाला क्रन्दन में मुझको
क्यूं बांधा बंधन में मुझको?

मैंने किसी का बुरा न चाहा
कभी किसी से कुछ ना माँगा
क्यूँ न बसाया स्पंदन में  मुझको?
क्यूँ बांधा बंधन में मुझको?

मेरी आज़ादी खल गयी तुझको
क्यूँ बांधा बंधन में मुझको??

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