कितना अच्छा था!
अकल के थोड़े कम पर मन के सच्चे थे,
कितना अच्छा था जब हम सब बच्चे थे।
खेल -खिलौने ,कथा -कहानी,
बुआ चाची दादी नानी,
सब प्यारे थे सारे कितने अच्छे थे,
कितना अच्छा था जब हम सब बच्चे थे।
खूब उछलना,खूब खेलना,
रोना गाना ख़ुशी मनाना,
नन्हें थे पर सोच के थोड़े कच्चे थे,
कितना अच्छा था जब हम सब बच्चे थे।
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