“मैं जब दुनियां में आऊंगी”



           मैं जब दुनियां में आऊंगी
मैं जब दुनियां में आऊंगी तो ढेरों खुशियां लाऊंगी,
तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.
बस एक बार, बस एक बार हंस कर मुझको अपना लो मां
तेरी  बगिया महका दूंगी, मुझे आंचल मे छुपा लो मां.
पर जब तक तू ना चाहेगी मैं जन्म कहां ले पाऊंगी,
तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.
बस वंश की चिन्ता है तुझको, बस वंश का है अफसोस,
मैं छोड के तुझको जाऊंगी, क्या यही है मेरा दोष?
वादा है मेरा तुझसे, तेरा सर ना कभी झुकाऊंगी,
तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.
तेरा ही अंश तो हूं मैं मां, बिन तेरे अब मैं जाऊं कहां?
जो तेरा घर तेरा आंगन है. मेरा जग भी अब होगा वहां.
तू भी तो एक बेटी ही है, मैं तुझको याद दिलाऊंगी,
तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.
अपनी शक्ति को एक बार तू मेरी खातिर जोड दे
जो पिता भी हठ कर बैठा हो तो उसका भ्रम भी तोड दे
तुम दोनो के रिश्ते को मैं एक नया मोड दे पाऊंगी,
तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.
है गर्व मुझे मैं बेटी हूं, मां दुर्गा भी तो बेटी थी,
उनकी बुद्धि, उनकी शक्ति किस पुरुष के आगे छोटी थी?
जो एक बार अवसर पाया,इस दुनियां को दिखला दूंगी,
 तेरी आंखों को आंसू पर होठों को हंसी दे जाऊंगी.

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