और भी हैं ।
एक तू ही नहीं दिल लगाने के लिए जीने के बहाने यहाँ और भी हैं; तेरे नगमों पे मैं क्यूँ नाचूँ भला थिरकने को मेरे पास तराने और भी हैं। ताज़े ज़ख्मों का क्या इलाज़ करोगे अब तुम्हारे ही दिए कुछ दर्द पुराने और भी हैं। ना रही अगर मैं जो दुनियाँ में तेरी तो क्या गम है, कहने को तो तुझे रिश्ते निभाने और भी हैं। कीमत तो अब समझ ली होगी मेरी मोहब्बत की तूने, या फिर अहसास चाहत के जताने और भी हैं।