kash agar!!

तुम कहते तो दिन हो जाता
तुम कहते तो होती रात
मूँद के आँखें मान मैं जाती
तेरी झूठी सच्ची बात
काश अगर मैं अंधी होती !!!

बगिया लगते ये घर आँगन
स्वर्ग सा लगता तेरा साथ
खुश हो जाती थोड़ा पा कर
जो दे देते तेरे हाथ
काश अगर मैं अंधी होती 

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