सह लूँगी
छुपी हुई है इस उर में असीमित पीडा, जब तुम चाहोगे तो कह दूंगी. उतार रखे हैं बदन से अपने सारे गहने जब तुम आओगे तो पहनूंगी. छोड गये हो मुझको तुम इस दुनिया अनजानी में रह ना जाऊं सज्ज...
If equal affection can never be, let the more loving be me. (W H Auden)